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Friday, October 1, 2021

TODAY CURRENT AFFAIR 30 सितम्बर 2021 डेली करेंट अफेयर्स

TODAY CURRENT AFFAIR 

30 सितम्बर 2021 डेली करेंट अफेयर्स 


विधि एवं विधेयक करेंट अफेयर्स

मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का पंजीकरण और कार्य) नियम, 2021 : मुख्य बिंदु

 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन स्क्रैपिंग नीति” (Vehicle Scrapping Policy) के तहत “Registered Vehicle Scrapping Facility (RVSF)” स्थापित करने की विस्तृत प्रक्रिया की घोषणा की।


 


वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle Scrapping Policy)


* वाहन स्क्रैपिंग नीति पिछले महीने अगस्त, 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लांच की गई थी।

* केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के बजट में इसकी घोषणा की थी।


नियम


मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का पंजीकरण और कार्य) नियम, 2021 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 15 मार्च, 2021 को जारी किया किये गये थे। इन नियमों के तहत प्रावधान पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (RVSF) की स्थापना की प्रक्रिया निर्धारित करते हैं। यह प्रावधान सभी वाहनों और उनके अंतिम पंजीकृत मालिकों, पुनर्चक्रणकर्ताओं, मोटर वाहन निराकरण, ऑटोमोबाइल संग्रह केंद्रों और स्क्रैपिंग और पुनर्चक्रण सुविधाओं पर लागू होंगे।

 

नियमों के प्रावधान


* इन नियमों के अनुसार,  RVSF को पासवर्ड से सुरक्षित यूजर आईडी के साथ वाहन पंजीकरण के वाहन डेटाबेस की कनेक्टिविटी और एक्सेस प्रदान की जाएगी।

* RVSF को वाहन को स्क्रैप करने और जमा प्रमाणपत्र और स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र जारी करने के लिए उपयुक्त प्रविष्टियां करने के लिए अधिकृत किया जाएगा।

* किसी भी RVSF को प्राधिकरण प्रदान करते समय राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश सरकारें पात्रता मानदंड को ध्यान में रखेंगी।

* मंत्रालय ऐसी सुविधाओं के पंजीकरण या नवीनीकरण के लिए एकल निकासी पोर्टलस्थापित करेगा। पूरी प्रक्रिया 60 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी।

* RVSF का पंजीकरण 10 वर्षों के लिए वैध होगा और इसे एक बार में 10 और वर्षों के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।

* RVSF को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की पहुंच भी मिलेगी, ताकि चोरी के किसी भी वाहन को पहचाना जा सके।

* किसी भी राज्य में पंजीकृत वाहन को अन्य राज्यों में किसी भी पंजीकृत सुविधा में स्क्रैप किया जा सकता है।


पर्यावरण एवं पारिस्थिकी करेंट अफेयर्स

भारत प्रमुख बंदरगाहों में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 60% करेगा

 

केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनवाल के अनुसार, सरकार ने सौर और पवन ऊर्जा के माध्यम से प्रमुख बंदरगाहों में भारत की अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी को 60% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

 

मुख्य बिंदु


* वर्तमान में, बंदरगाहों पर बिजली की मांग में अक्षय ऊर्जा का योगदान 10% से भी कम है।

* सरकार ने 2030 तक 50% बंदरगाह उपकरणों का विद्युतीकरण करने का भी लक्ष्य रखा है।

* इस योजना के अनुसार, सभी बंदरगाह 2030 तक तीन चरणों में आने वाले जहाजों को बिजली की आपूर्ति करेंगे।

* बंदरगाहों का लक्ष्य 2030 तक कार्बन उत्सर्जन/टन को 30% तक कम करना है।




राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contributions – NDC)


2021-2030 के लिए पेरिस समझौते के तहत भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) में “2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 33%-35% की कटौतीशामिल है। NDC 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से प्रौद्योगिकी और कम लागत वाले अंतर्राष्ट्रीय वित्त को स्थानांतरित करके संचयी बिजली स्थापित क्षमता का 40% हासिल करने का प्रयास करेगा।

 

उर्जा पर ES 2021


2021 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत को वानिकी, कृषि, मत्स्य पालन, जल संसाधन, बुनियादी ढांचे और पारिस्थितिक तंत्र जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अनुकूलन कार्यों को लागू करने के लिए 2015 और 2030 के बीच लगभग 206 बिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से संचयी स्थापित बिजली क्षमता का 40% प्राप्त करने की उम्मीद करता है। यह 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाने के लिए 2030 तक अपने वन और वृक्षों के आवरण को बढ़ाने की भी उम्मीद करता है।

 


राइट लाइवलीहुड अवार्ड (Right Livelihood Award) 2021 की घोषणा की गयी

 

राइट लाइवलीहुड अवार्ड (Right Livelihood Award) 2021 दिल्ली बेस्ड पर्यावरण संगठन “Legal Initiative for Forest and Environment (LIFE)” को प्रदान किया गया। इस पुरस्कार को स्वीडन के वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार” (Sweden’s alternative Nobel Prize) के रूप में भी जाना जाता है।

 

मुख्य बिंदु


LIFE को कमजोर समुदायों को उनकी आजीविका की रक्षा करने और स्वच्छ वातावरण के लिए उनके अधिकार का दावा करने के लिए जमीनी स्तर पर दृष्टिकोणके लिए पुरस्कार मिला है।




अन्य पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं:


* कैमरून की महिला अधिकार कार्यकर्ता मार्थे वांडौ (Marthe Wandou)

* रूस के पर्यावरण कार्यकर्ता, व्लादिमीर स्लीव्याक (Vladimir Slivyak)

* कनाडा के स्वदेशी अधिकार रक्षक फ़्रेडा ह्यूसन (Freda Huson)


राइट लाइवलीहुड अवार्ड  (Right Livelihood Award)


राइट लाइवलीहुड अवार्ड की स्थापना ओले वॉन उएक्सकुल (Ole von Uexkull) ने की थी, जो राइट लाइवलीहुड के कार्यकारी निदेशक हैं। यह पुरस्कार वैश्विक समस्याओं को हल करने में लोगों का सम्मान और समर्थन करता है। इसमें 1 मिलियन स्वीडिश क्राउन का नकद पुरस्कार और एक दीर्घकालिक समर्थन शामिल है जो पुरस्कार विजेताओं के काम को उजागर और विस्तारित करता है।

 

पुरस्कार विजेताओं को कैसे शॉर्टलिस्ट किया जाता है?


पुरस्कार विजेताओं का चयन स्टॉकहोम बेस्ड राइट लाइवलीहुड की जूरी द्वारा किया जाता है।

 

LIFE को यह पुरस्कार क्यों मिला?


LIFE को भारत में पर्यावरण लोकतंत्रका पालन करते हुए अपने संसाधनों की रक्षा के लिए समुदायों को सशक्त बनाने के अपने कानूनी कार्य के लिए यह पुरस्कार मिला है। राइट लाइवलीहुड के अनुसार, भारत में एक मजबूत पर्यावरण संरक्षण कानून ढांचे के बावजूद, भारत में शेष वनों और जैव विविधता की रक्षा करने की योजना बनाने वालों के लिए न्याय तक पहुंच अक्सर सीमित होती है। इस प्रकार, इस अंतर को पाटने के लिए, LIFE की स्थापना की गई थी।

 

LIFE


LIFE की स्थापना 2005 में वकील ऋत्विक दत्ता और राहुल ने की थी। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय खतरों के खिलाफ लड़ रहा है।

 

अर्थव्यवस्था करेंट अफेयर्स

भारत में लॉन्च किया गया अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम (Amazon Future Engineer Programme)

 

अमेज़न इंडिया ने 27 सितंबर, 2021 को भारत में अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर” (Amazon Future Engineer Programme) लॉन्च करने की घोषणा की। Amazon Future इसका वैश्विक कंप्यूटर विज्ञान शिक्षा कार्यक्रम है।

 

मुख्य बिंदु


* कंपनी के अनुसार, Amazon Future Programme गुणवत्तापूर्ण कंप्यूटर विज्ञान शिक्षा के साथ-साथ कम प्रतिनिधित्व वाले और पिछड़े समुदायों के छात्रों के लिए करियर के अवसरों तक पहुंच को सक्षम करेगा।

* अपने लॉन्च के पहले वर्ष के दौरान, अमेज़न का लक्ष्य भारत के 7 राज्यों में 900 सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 1 लाख छात्रों को सीखने के अवसर प्रदान करना है।




कार्यक्रम का उद्देश्य


अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम को इन-पर्सन, ऑनलाइन और मिश्रित शिक्षण प्रारूपों के माध्यम से छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षा के लिए प्रारंभिक प्रदर्शन और पहुंच प्रदान करने के लिए लांच किया गया है।

 

अमेज़न के साथ कौन सहयोग कर रहा है?


Amazon अपने ग्लोबल नॉलेज पार्टनर Code.org के सहयोग से काम कर रहा है, जो कंप्यूटर साइंस की शिक्षा के लिए समर्पित एक वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन है।

 

पाठ्यक्रम


यह छात्रों को भारतीय भाषाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (वॉयस टेक्नोलॉजी) और मशीन लर्निंग जैसे भविष्य-केंद्रित तकनीकी पाठ्यक्रमों के साथ-साथ कोडिंग फंडामेंटल की जानकारी प्रदान करेगा।

 

Ease of Logistics Portal लांच किया गया

 

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 27 सितंबर, 2021 को ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स पोर्टल” (Ease of Logistics Portal) लॉन्च किया।


 


मुख्य बिंदु


* इस पोर्टल का लांच करते हुए मंत्री ने कहा कि व्यापार के नियमसभी हितधारकों के लिए समान होने चाहिए।

* यह पोर्टल वाणिज्य सप्ताह सम्मान समारोहके दौरान लॉन्च किया गया था, जिसे फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) द्वारा आयोजित किया गया था।

* इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार हर किसी को अपने व्यवसायों के लिए समान अवसर प्रदान करेगी, भले ही वे बड़े या छोटे व्यवसाय  हों।

* ईजी ऑफ लॉजिस्टिक्स पोर्टल पारदर्शिता लाने के लिए लांच किया गया है।


Federation of Indian Export Organisations (FIEO)


FIEO शीर्ष व्यापार संवर्धन संगठन है, जिसकी स्थापना 1965 में वाणिज्य मंत्रालय द्वारा की गई थी। यह विदेशी बाजारों में भारतीय उद्यमियों और निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करने और उनकी सहायता करने के लिए जिम्मेदार है। FIEO भारत में निर्यात संवर्धन परिषदों, निर्यात विकास प्राधिकरणों और कमोडिटी बोर्डों का प्रमुख निकाय है। यह निर्यात व्यापार सुविधा में भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय और केंद्र और राज्य सरकारों, बंदरगाहों, रेलवे, वित्तीय संस्थानों, भूतल परिवहन आदि के बीच एक महत्वपूर्ण इंटरफेस प्रदान करता है।

 

Ease of Logistics Portal


यह एक व्यापार सुविधा पोर्टल है, जिसे FIEO द्वारा विकसित किया गया है। इसे निर्यातकों और लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं को एक मंच पर लाने के लिए शुरू किया गया है।

 


अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स

फ्रांस और ग्रीस ने रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए

 

फ्रांस और ग्रीस ने रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए 27 सितंबर, 2021 को एक रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए।

 

मुख्य बिंदु


* रक्षा सौदे में तुर्की के साथ बार-बार तनाव के बीच पूर्वी भूमध्य सागर में अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की रणनीति के तहत तीन फ्रांसीसी युद्धपोतों को खरीदने का ग्रीन का निर्णय शामिल है।

* फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने पेरिस में एक संयुक्त समाचार सम्मेलन में रक्षा और सुरक्षा रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की।

* दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी आपसी हितों के आधार पर रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में उनके बीच सहयोग को बढ़ाएगी।

* यह दोनों देशों में संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में भी मदद करेगा।




सौदे के बारे में


* रक्षा सौदे के तहत ग्रीस तीन फ्रांसीसी युद्धपोत खरीदेगा।

* इस सौदे में चौथे युद्धपोत के अधिग्रहण का विकल्प भी शामिल है।


पृष्ठभूमि


हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां बेचने का 66 अरब डॉलर का सौदा गंवाने के बाद फ्रांस के लिए यह घोषणा महत्वपूर्ण समय पर की गई है। फ्रांस की पनडुब्बियों के बजाय, ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका से परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों को हासिल करने का विकल्प चुना।


ग्रीस-फ्रांस रक्षा समझौता


ग्रीस पहले ही 18 फ्रेंच राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है। इसने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए एक कार्यक्रम के तहत 6 अन्य जेट खरीदने की भी योजना बनाई है।

 

सौदे का महत्व


ग्रीस और तुर्की के बीच तनाव को देखते हुए फ्रांस और ग्रीस के बीच सौदा महत्वपूर्ण है, जो हाल के वर्षों में पूर्वी भूमध्य सागर में गैस की खोज के अधिकारों और दोनों देशों के बीच तनाव में वृद्धि हुई है।

 


भारत और अमेरिका ने स्वास्थ्य और जैव चिकित्सा विज्ञान में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

 

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने 28 सितंबर, 2021 को चौथी भारत-अमेरिका स्वास्थ्य वार्ता के समापन सत्र को संबोधित किया। इस सत्र की मेजबानी भारत ने की।

 

मुख्य बिंदु


* दो दिवसीय वार्ता में दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में चल रहे कई सहयोगों पर विचार-विमर्श किया गया।

* इस संवाद के दौरान, महामारी विज्ञान अनुसंधान और निगरानी को मजबूत करने, वैक्सीन विकास, जूनोटिक और वेक्टर जनित रोगों, स्वास्थ्य नीतियों और स्वास्थ्य प्रणालियों आदि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।



समापन सत्र में दोनों देशों ने दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए:


* स्वास्थ्य और जैव चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग के संबंध में भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय और अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

* इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और National Institute of Allergy & Infectious Diseases के बीच International Centre for Excellence in Research (ICER) पर सहयोग के लिए दूसरा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

* वैश्विक साझेदार होने के नाते, भारत और अमेरिका को वैश्विक स्वास्थ्य संरचना में सुधार के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने की आवश्यकता है।

* अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र जिनमें दोनों देश काम कर सकते हैं, उनमें शामिल हैं: स्वास्थ्य आपात स्थितियों का प्रबंधन; मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप; निदान, चिकित्सा विज्ञान और टीकों से संबंधित डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार  व अनुसंधान।


भारत-अमेरिका संबंध


भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुआयामी हो गए हैं और इसमें व्यापार, रक्षा और सुरक्षा, नागरिक परमाणु ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से जुलाई 2009 में एक रणनीतिक वार्ताकी स्थापना की थी।


नजला बौडेन रोमधाने (Najla Bouden Romdhane) बनीं ट्यूनीशिया की पहली महिला प्रधानमंत्री

 
नजला बौडेन रोमधाने (Najla Bouden Romdhane) 29 सितंबर, 2021 को ट्यूनीशिया की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं।


 
मुख्य बिंदु


राष्ट्रपति कैस सैयद (Kais Saied) के पदभार ग्रहण करने के दो महीने बादपूर्व प्रधानमंत्री को बर्खास्त करने और संसद को निलंबित करने के दो महीने बाद उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया गया है।
2014 के संविधान के तहत पूर्व प्रधानमंत्रियों की तुलना में रोमधाने के पास कम प्रत्यक्ष शक्ति होने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राष्ट्रपति सईद ने आपातकाल के दौरान घोषणा की थी कि नई सरकार राष्ट्रपति के प्रति जिम्मेदार होगी।




चुनौतियाँ


*रोमधाने को राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना करना होगा।

* हाल ही में राष्ट्रपति सैयद नेफरमान जारी किए और एक संक्रमणकालीन सरकार बनाने की योजना की घोषणा की। उन्होंने नए चुनावी नियमों की भी घोषणा की।

* ट्यूनीशिया भी अधिकांश राज्यों में COVID-19 उपभेदों के प्रकोप का सामना कर रहा है।


नजला बौडेन रोमधाने (Najla Bouden Romdhane)


रोमधाने ट्यूनिस में नेशनल स्कूल ऑफ इंजीनियर्स में भूविज्ञान की प्रोफेसर हैं। उनका जन्म वर्ष 1958 में ट्यूनीशिया के केंद्रीय कैरौं प्रांत में हुआ था। प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त होने से पहलेउन्हें उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक के साथ कार्यक्रमों को लागू करने का कार्य सौंपा गया था। 2011 मेंउन्होंने उच्च शिक्षा मंत्रालय में गुणवत्ता के प्रभारी महानिदेशक के रूप में काम किया।


 
ट्यूनीशिया


ट्यूनीशिया अफ्रीका का सबसे उत्तरी देश है। इसकी सीमा अल्जीरियालीबिया और भूमध्य सागर से लगती है। इसमें एटलस पर्वत का पूर्वी छोर और सहारा रेगिस्तान का उत्तरी भाग भी शामिल है।
 


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स

नासा का लुसी मिशन (Lucy Mission) : मुख्य बिंदु

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा बृहस्पति के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करने के लिए अपना पहला अंतरिक्ष यान भेजने जा रही है।

मुख्य बिंदु

* इस अंतरिक्ष यान को 16 अक्टूबर, 2021 को केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन, फ्लोरिडा से लॉन्च किया जाएगा।

* यह अंतरिक्ष यान 4.5 अरब साल पहले सौर मंडल के निर्माण के बारे में नई अंतर्दृष्टि (insights) प्राप्त करेगा।

* इस अंतरिक्ष यान का नाम लुसी (Lucy) रखा गया है। इसका नाम एक प्राचीन जीवाश्म के नाम पर रखा गया था जिसने मानव प्रजातियों के विकास में अंतर्दृष्टि प्रदान की थी।




मिशन का उद्देश्य

मिशन लूसी को चट्टानी पिंडों के समूह की जांच के उद्देश्य से लॉन्च किया जाएगा जो दो समूहों में सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं।

 मिशन के बारे में

पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बूस्ट प्राप्त करने के बाद मिशन लूसी 12 साल की यात्रा पर जाएगा। मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य बेल्ट में 8 अलग-अलग क्षुद्रग्रहों में 12 साल की यात्रा पूरी की जाएगी। यह अंतरिक्ष यान अपनी सतह के 400 किलोमीटर के दायरे में लक्षित पिंडों के पास से उड़ान भरेगा। यह लक्ष्य पिंडों के भूविज्ञान की जांच के लिए ऑनबोर्ड उपकरणों और बड़े एंटीना का उपयोग करेगा। इस मिशन की कुल लागत 981 मिलियन डॉलर है।


 ट्रोजन क्या हैं?


ट्रोजन छोटे खगोलीय पिंड या क्षुद्रग्रह होते हैं, जो बड़े क्षुद्रग्रहों की कक्षा को साझा करते हैं। वे मुख्य पिंड से लगभग 60° आगे या पीछे स्थिर कक्षा में रहते हैं। वे ग्रहों या बड़े चंद्रमाओं की कक्षाओं को साझा कर सकते हैं। ट्रोजन एक प्रकार की सह-कक्षीय पिंड (co-orbital object) है। सौर मंडल के अधिकांश ज्ञात ट्रोजन बृहस्पति की कक्षा को साझा करते हैं। वे अंतरिक्ष के बहुत छोटे क्षेत्र में हैं लेकिन एक दूसरे से शारीरिक रूप से भिन्न हैं। अब तक, लगभग 7000 ट्रोजन ज्ञात हैं।


राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स

स्कूलों में जारी रहेगी पीएम पोषण’ (PM POSHAN) योजना


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्कूलों में पीएम पोषण (PM POSHAN) योजना को जारी रखने की मंजूरी दे दी है, जो एक केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय योजना है।




 मुख्य बिंदु

* पीएम पोषण योजना 5 और वर्षों तक चलेगी। यह 2021-2022 से 2025-26 तक चलेगी।

* केंद्र सरकार ने 54,062 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ इस योजना को मंजूरी दी है।

* राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन ने 31,733 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है।

* इस चरण मेंयोजना 11.20 लाख स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 11.80 करोड़ बच्चों को कवर करेगी।

* इन बच्चों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत वहन करेगी।

* इस योजना का कुल बजट 1,30,795 करोड़ रुपये है।


योजना के तहत किसे कवर किया जाएगा?


यह केंद्र प्रायोजित योजना सरकारी स्कूलों के साथ-साथ सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी स्कूली बच्चों को कवर करेगी।


पीएम पोषण योजना (PM-POSHAN Scheme)


पीएम पोषण मध्याह्न भोजन योजना” का एक नया संस्करण है जिसका अर्थ है पीएम पोषण शक्ति निर्माण” (PM-POSHAN – PM Poshan Shakti Nirman)। नए नामकरण के साथकेंद्र ने बाल पोषण’ की दिशा में एक बड़ा प्रयास शुरू किया है। यह योजना वर्ष 2022 से सरकारी स्कूलों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पूर्व-प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले लगभग 24 लाख छात्रों को कवर करेगी। 


मध्याह्न भोजन योजना (Mid-day Meal Scheme)


इस योजना के तहतकक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को पका हुआ भोजन प्रदान किया जाता हैजिससे सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 11.80 करोड़ बच्चे लाभान्वित होते हैं। यह योजना नरसिम्हा राव सरकार द्वारा वर्ष 1995 में शुरू की गई थी। इसे भारत में स्कूल नामांकन बढ़ाने और कुपोषित बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार के लिए शुरू किया गया था।


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