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08 अक्टूबर 2021 डेली करेंट अफेयर्स
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
सड़क परिवहन मंत्रालय ‘अच्छे नागरिकों’ (Good Samaritans) के लिए योजना शुरू की
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 4 अक्टूबर, 2021 को “अच्छे नागरिकों” के लिए एक योजना शुरू की।
मुख्य बिंदु
यह योजना 15 अक्टूबर, 2021 से प्रभावी होगी और 31 मार्च, 2026 तक चलेगी।
इस योजना के तहत, दुर्घटना के ‘सुनहरे घंटे’ के भीतर व्यक्ति को अस्पताल ले जाने पर सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की जान बचाने वालों को प्रति दुर्घटना 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को आपात स्थिति में मदद करने के लिए आम जनता को प्रेरित करने के लिए नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
नकद पुरस्कार के साथ प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार
प्रत्येक मामले में पुरस्कार के अलावा, मंत्रालय “योग्यतम नागरिकों” (Most Worthy Good Samaritans) के लिए 10 राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी देगा।
Most Worthy Good Samaritans का चयन उन लोगों में से किया जाएगा जिन्हें पूरे वर्ष के दौरान सम्मानित किया गया है।
प्रत्येक को 1,00,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नकद पुरस्कार देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन विभाग को 5 लाख रुपये का प्रारंभिक अनुदान प्रदान करेगा।
इंडिविजुअल गुड सेमेरिटन (Individual Good Samaritan ) को एक वर्ष में अधिकतम पांच बार सम्मानित किया जाएगा।
सुनहरा घंटा (golden hour) क्या है?
‘गोल्डन ऑवर’ एक दर्दनाक चोट के बाद 1 घंटे की समयावधि है। इस अवधि के दौरान त्वरित चिकित्सा देखभाल प्रदान करके मृत्यु को रोकने की सबसे अधिक संभावना होती है।
मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019
मंत्रालय द्वारा 29 सितंबर, 2020 को मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 की धारा 134ए के तहत नियमों को अधिसूचित किया गया था।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान सप्ताह (Mental Health Awareness Campaign Week) : मुख्य बिंदु
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 5 अक्टूबर, 2021 से “मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान सप्ताह” (Mental Health Awareness Campaign Week) मना रहा है।
मुख्य बिंदु
इस अभियान का समापन 10 अक्टूबर, 2021 को होगा।
10 अक्टूबर को “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” (World Mental Health Day) के रूप में भी मनाया जाता है।
मानसिक विकारों से जुड़े कलंक को तोड़ने में लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारत में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान सप्ताह मनाया जा रहा है।
अभियान के तहत गतिविधियां
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान सप्ताह के तहत आयोजित की जा रही अन्य गतिविधियों में शामिल हैं:
शैक्षिक संस्थानों और अन्य संगठनों के सहयोग से निमहंस (NIMHANS), बेंगलुरु द्वारा आभासी जागरूकता कार्यशालाएं
दिल्ली में साइकिल रैली
ग्रीन रिबन अभियान
क्षेत्रीय भाषाओं में लघु फिल्म रिलीज
#breakthestigma हैशटैग अभियान का शुभारंभ
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रश्नोत्तरी या नारा प्रतियोगिता
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day)
मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करने के प्रयासों को जुटाने के लिए विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस ऐसे समय में मनाया जाएगा जब कोविड-19 महामारी ने दैनिक जीवन को काफी हद तक बदल दिया है। इसने लोगों के बीच विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को जन्म दिया है।
दिन का इतिहास
पहला विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 1992 में वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल के रूप में मनाया गया था। 1994 तक, इस दिन का कोई विशेष विषय नहीं था। लेकिन 1994 में महासचिव यूजीन ब्रॉडी के सुझाव पर एक थीम के साथ यह दिवस मनाया गया। 1994 में थीम “दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार” थी।
SVAMITVA : पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में 1.7 लाख ई-प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अक्टूबर, 2021 को मध्य प्रदेश में स्वामित्व योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की।
मुख्य बिंदु
इस अवसर पर, पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना (SVAMITVA Scheme) के तहत 1,71,000 लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड भी वितरित किए।
स्वामित्व योजना (SVAMITVA Scheme)
SVAMITVA योजना का अर्थ है “Survey of Villages Abadi and Mapping with Improvised Technology in Village Areas”। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इसे पंचायती राज मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को संपत्ति के अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की गई है। यह योजना शहरी क्षेत्रों में ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए ग्रामीणों द्वारा वित्तीय संपत्ति के रूप में संपत्ति का उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। इसका उद्देश्य नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन-प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों में बसी हुई भूमि का सीमांकन करना भी है। इस प्रकार, यह योजना भारत में ड्रोन निर्माण के पारिस्थितिकी तंत्र को भी बढ़ावा देती है।
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल, 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर स्वामित्व योजना शुरू की थी। यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य के राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभागों और भारतीय सर्वेक्षण विभाग का एक सहयोगात्मक प्रयास है। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन समाधान प्रदान करना है।
भूमि का मानचित्रण
यह योजना ड्रोन और Continuously Operating Reference Station (CORS) का उपयोग करके ग्रामीण बसे हुए क्षेत्रों में भूमि पार्सल की मैपिंग करती है। इस योजना के तहत, भारत में चार साल की अवधि (2020 से 2024) के लिए चरणबद्ध तरीके से मैपिंग की जाएगी।
योजना के उद्देश्य
संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने के लिए ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेख तैयार करना l
ग्रामीण नागरिकों को ऋण आदि लेने के लिए वित्तीय संपत्ति के रूप में अपनी संपत्ति का उपयोग करने में सक्षम बनाकर वित्तीय स्थिरता लाना।
संपत्ति कर निर्धारित करना।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड (National Road Safety Board) का गठन करेगी केंद्र सरकार
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में एक “राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड” (National Road Safety Board) स्थापित करने के लिए अधिसूचना जारी की है।
मुख्य बिंदु
राष्ट्रीय सुरक्षा बोर्ड सड़क सुरक्षा, नवाचार को बढ़ावा देने और नई तकनीक को अपनाने के लिए जिम्मेदार होगा।
यह यातायात और मोटर वाहनों को भी नियंत्रित करेगा।
इस अधिसूचना में संरचना, बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए पात्रता, कार्यालय की अवधि, चयन प्रक्रिया, बोर्ड की शक्तियां और कार्य, इस्तीफे और हटाने की प्रक्रिया, बोर्ड की बैठक आदि के प्रावधान भी निर्दिष्ट हैं।
बोर्ड का मुख्यालय
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का प्रधान कार्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। बोर्ड भारत में अन्य स्थानों पर भी कार्यालय स्थापित कर सकता है।
बोर्ड के सदस्य
सड़क सुरक्षा बोर्ड में अध्यक्ष शामिल होंगे। इसके अलावा ये 3 से 7 सदस्य होंगे। सभी सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी।
बोर्ड का कार्य
यह बोर्ड निम्नलिखित कार्य करेगा:
बोर्ड सड़क सुरक्षा, नवाचार को बढ़ावा देने और नई तकनीक को अपनाने के लिए जिम्मेदार होगा।
यह यातायात और मोटर वाहनों को भी नियंत्रित करेगा।
यातायात और मोटर वाहन को विनियमित करने के लिए, बोर्ड तैयार करेगा:
पहाड़ी क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन, सड़क सुरक्षा और सड़क निर्माण के लिए विशिष्ट मानक।
राजमार्ग प्राधिकरणों, यातायात पुलिस, अस्पताल प्राधिकरणों, शैक्षिक और अनुसंधान संगठनों आदि के लिए क्षमता निर्माण और कौशल विकास के लिए दिशानिर्देश।
ट्रॉमा सुविधाओं और पैरा-मेडिकल सुविधाओं की स्थापना और संचालन के लिए दिशानिर्देश।
बोर्ड सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन पर केंद्र, राज्य और स्थानीय अधिकारियों को तकनीकी सलाह और सहायता भी प्रदान करेगा।
पूर्वोत्तर राज्यों में खाद्य तेलों-आयल पाम पर राष्ट्रीय मिशन पर व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया
6 अक्टूबर, 2021 को पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गुवाहाटी में “National Mission on Edible Oil- Oil Palm Business Summit” का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
इस शिखर सम्मेलन का आयोजन उत्तर पूर्व की समग्र और संतुलित प्रगति के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप किया गया था।
इस शिखर सम्मेलन की शुरुआत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई।
उत्तर पूर्व के लिए ताड़ के तेल का महत्व
पाम ऑयल को बढ़ावा देने के लिए उत्तर पूर्वी राज्यों में प्रमुख हस्तक्षेप करने का सरकार का निर्णय, पूर्वोत्तर राज्यों को भारत के पाम ऑयल हब में बदल देगा। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष पैकेज और सहायता से किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में बदलाव आएगा। यह रोजगार के अवसर भी खोलेगा क्योंकि यह बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ पाम तेल मिलों की स्थापना करेगा।
खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन का परिव्यय
यह मिशन 11,040 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शुरू किया जा रहा है। यह अगले पांच वर्षों में ऑयल पाम वृक्षारोपण के तहत लगभग 6.5 लाख हेक्टेयर का अतिरिक्त क्षेत्र लाएगा। इसमें से 3.28 लाख हेक्टेयर पूर्वोत्तर राज्यों से होगा जबकि 3.22 लाख हेक्टेयर भारत के बाकी हिस्सों से होगा।
अर्थव्यवस्था करेंट अफेयर्स
केंद्र सरकार ने 7 पीएम मित्र पार्कों (PM MITRA Parks) को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करते हुए 7 पीएम मित्र पार्क स्थापित करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
मुख्य बिंदु
पीएम मित्र पार्क 5 साल में 4,445 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ स्थापित किए जाएंगे।
ऐसे पार्कों को स्थापित करने की घोषणा केंद्रीय बजट 2021-22 में की गई थी।
यह कदम भारत को वैश्विक कपड़ा दिग्गजों के बराबर खड़ा करने में मदद करेगा।
पीएम मित्र (PM MITRA)
PM MITRA पार्क का मतलब “Mega Integrated Textile Region and Apparel” पार्क है। ये पार्क विभिन्न राज्यों में ग्रीनफील्ड या ब्राउनफील्ड साइटों पर स्थापित किए जाएंगे। इन पार्कों की स्थापना से बेरोजगारों को 7 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के साथ-साथ 14 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार का लाभ मिलेगा। इस परियोजना के तहत, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत राज्य सरकारों और केंद्र के स्वामित्व वाले एक विशेष प्रयोजन वाहन के माध्यम से पार्क स्थापित किए जाएंगे।
कौन से राज्य इन पार्कों की स्थापना कर रहे हैं?
अब तक, 10 राज्यों ने पंजाब, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में पीएम मित्र पार्क स्थापित करने में अपनी रुचि दिखाई है।
पूंजी सहायता
ग्रीनफील्ड पीएम मित्र पार्क को 500 करोड़ रुपये की अधिकतम विकास पूंजी सहायता प्रदान की जाएगी, जबकि ब्राउनफील्ड पीएम मित्र को 200 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे, ताकि एक सामान्य बुनियादी ढांचा विकसित किया जा सके। इसके अलावा, इन पार्कों में कपड़ा निर्माण इकाइयों की शीघ्र स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रोत्साहन सहायता (Competitiveness Incentive Support -CIS) भी प्रदान की जाएगी।
पीएम का 5F विजन
PM MITRA की पहल पीएम मोदी के 5F विजन से प्रेरित है- “farm to fibre; fibre to factory; factory to fashion; and fashion to foreign”।
पश्चिम बंगाल से
बहरीन को GI टैग प्राप्त
मिहिदाना (Mihidana) का निर्यात किया
गया
स्वदेशी और भौगोलिक पहचान (Geographical Identification – GI) टैग उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए, पश्चिम बंगाल से GI टैग प्राप्त मिठाई मिहिदाना की पहली खेप बहरीन को निर्यात की गई थी।
मुख्य बिंदु
GI टैग किए गए मिहिदाना को बर्धमान, पश्चिम बंगाल से प्राप्त किया गया था।
मिठाई मिहिदाना की खेप APEDA पंजीकृत मेसर्स डीएम एंटरप्राइजेज, कोलकाता द्वारा निर्यात की गई थी।
इसे अलजज़ीरा ग्रुप, बहरीन द्वारा आयात किया गया था।
दिवाली त्योहार के दौरान बहरीन को और अधिक खेप निर्यात किए जाएंगे।
GI टैग क्या है?
GI टैग विशिष्ट भौगोलिक मूल को दर्शाता है और उस मूल के लिए विशिष्ट गुण या प्रतिष्ठा रखता है। GI बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) का एक रूप है।
किन वस्तुओं को GI टैग किया जा सकता है?
GI टैग कृषि, प्राकृतिक या विनिर्मित वस्तुओं के लिए अद्वितीय गुणवत्ता, प्रतिष्ठा या विशेषताओं के साथ जारी किया जा सकता है, जो इसकी भौगोलिक उत्पत्ति के लिए अद्वितीय है। उदाहरण के लिए, बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय, कांचीपुरम सिल्क, मैसूर सिल्क, नागालैंड मिर्च उत्पाद, हैदराबादी हलीम आदि GI टैग के साथ बेचे जाते हैं और इन उत्पादों का प्रीमियम मूल्य निर्धारण होता है।
पर्यावरण एवं पारिस्थिकी करेंट अफेयर्स
WMO ने “The State of Climate Services 2021: Water” रिपोर्ट जारी की
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 5 अक्टूबर, 2021 को “The State of Climate Services 2021: Water” शीर्षक से अपनी नई रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
WHO के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से बाढ़ और सूखे जैसे पानी से संबंधित खतरों का खतरा बढ़ जाता है।
जलवायु परिवर्तन से पानी की कमी से प्रभावित लोगों की संख्या भी बढ़ेगी।
इस रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में, दुनिया भर में 3.6 बिलियन लोगों के पास प्रति वर्ष कम से कम एक महीने पानी की अपर्याप्त पहुंच थी।
यह संख्या 2050 तक 5 अरब से अधिक होने की उम्मीद है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, यह स्थिति और भी खराब होती जा रही है क्योंकि पृथ्वी पर केवल 0.5 प्रतिशत पानी ही उपयोग योग्य है और ताजा पानी उपलब्ध है।
पिछले 20 वर्षों में पानी से संबंधित खतरे बढ़ गए हैं।
पिछले दो दशकों की तुलना में 2000 के बाद से बाढ़ से संबंधित आपदाओं में 134% की वृद्धि हुई है। हालांकि, इसी अवधि के दौरान सूखे की संख्या और अवधि में 29% की वृद्धि हुई है।
अफ्रीका में लगभग दो अरब लोग पानी की कमी वाले देशों में रहते हैं। उन्हें पीने के सुरक्षित पानी और साफ-सफाई की कमी का सामना करना पड़ता है।
सूखे से होने वाली मौतें
इस रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि सूखे से संबंधित अधिकांश मौतें अफ्रीका में हुई हैं। इस प्रकार, अफ्रीकी क्षेत्र में सूखे के लिए और अधिक मजबूत चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता है। अधिकांश बाढ़ से संबंधित मौतें और आर्थिक नुकसान एशिया में देखे गए।
तापमान का प्रभाव
इस रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते तापमान के परिणामस्वरूप वैश्विक और क्षेत्रीय वर्षा में परिवर्तन हो रहा है। इससे वर्षा के पैटर्न के साथ-साथ कृषि मौसम में भी बदलाव आएगा।
WMO की सिफारिशें
WMO के मुताबिक देशों को एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और सूखा और बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली में निवेश बढ़ाना चाहिए। WMO ने देशों से बुनियादी हाइड्रोलॉजिकल वैरिएबल के लिए डेटा एकत्र करने की क्षमता में अंतर को भरने का भी आग्रह किया है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
हेली-बोर्न सर्वे टेक्नोलॉजी (Heli-borne Survey Technology) क्या है?
केंद्रीय मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने 5 अक्टूबर, 2021 को अत्याधुनिक हेली-बोर्न सर्वेक्षण तकनीक (Heli-borne Survey Technology) लांच की।
मुख्य बिंदु
भूजल प्रबंधन के लिए हेली सर्वेक्षण प्रौद्योगिकी (Heli Survey Technology) शुरू की गई थी।
पहले चरण में राजस्थान, पंजाब, गुजरात और हरियाणा राज्यों को हेली-बोर्न सर्वेक्षण किया जा रहा है।
राजस्थान के जोधपुर से 5 अक्टूबर को सर्वे शुरू किया गया था।
हेली सर्वेक्षण प्रौद्योगिकी (Heli Survey Technology)
यह तकनीक CSIR-NGRI हैदराबाद द्वारा विकसित की गई है।
शुष्क क्षेत्रों में भूजल स्रोतों का मानचित्रण करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक, हेली सर्वेक्षण प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
इस सर्वेक्षण से भूजल का पीने के लिए उपयोग करने में मदद मिलेगी।
हेली-बोर्न भूभौतिकीय मानचित्रण तकनीक (heli-borne geophysical mapping technique) उप-सतह के लिए जमीनी स्तर से 500 मीटर नीचे की गहराई तक हाई-रिज़ॉल्यूशन 3D छवि प्रदान करेगी।
परियोजना का उद्देश्य
इस परियोजना को संभावित भूजल स्रोतों का मानचित्रण करने और भारत के पानी की कमी वाले शुष्क क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए इसके प्रबंधन के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
परियोजना के दो चरण
150 करोड़ दो चरणों में 150 करोड़ रुपये के मेगा प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे। इस परियोजना को लागू करने के लिए, CSIR ने “राष्ट्रीय एक्वीफर मैपिंग प्रोजेक्ट” (National Aquifer Mapping Project) के तहत जल शक्ति मंत्रालय के साथ सहयोग किया है। यह परियोजना जल जीवन मिशन परियोजना को लागू करने के लिए CSIR को उच्च दृश्यता प्रदान करेगी।
तकनीक का महत्व
स्रोत खोज से लेकर जल शोधन तक CSIR की जल प्रौद्योगिकियां “हर घर हल से जल” योजना के साथ-साथ “किसानों की आय के लक्ष्यों को दोगुना करने” में सकारात्मक योगदान देंगी।
भारत में शुष्क क्षेत्र
उत्तर पश्चिमी भारत में शुष्क क्षेत्र राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और पंजाब राज्यों में फैले हुए हैं। यह क्षेत्र भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 12% है और लगभग 8 करोड़ लोगों का घर है। शुष्क क्षेत्रों में वार्षिक वर्षा 100 से 400 मिमी के बीच होती है। ऐसे में साल भर पानी की भारी किल्लत रहती है।
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