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Saturday, December 18, 2021

18 December 2021 Daily Current Affairs 18 दिसम्बर 2021 डेली करेंट अफेयर्स

18 December 2021 Daily Current Affairs
18 दिसम्बर  2021 डेली करेंट अफेयर्स

Categories: अर्थव्यवस्था करेंट अफेयर्स

CCI ने Amazon पर 200 करोड़ का जुर्माना लगाया

 

हाल ही में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India – CCI) ने अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

 


मुख्य बिंदु


CCI ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की एक इकाई फ्यूचर कूपन के साथ 2019 के अमेज़ॅन सौदे को भी निलंबित कर दिया है।

इस सौदे के लिए मंजूरी प्राप्त करते समय तथ्यों को छिपाने के लिए अमेज़न पर जुर्माना लगाया गया है।


CCI का आदेश


CCI के आदेश के अनुसार, “संयोजन और लेनदेन की फिर से जांच करना आवश्यक है। कंपनी अधिनियम की धारा 45 की उप-धारा (2) के अनुसार, CCI ने अमेज़ॅन को आदेश प्राप्त होने के 60 दिनों के भीतर फॉर्म II में नोटिस देने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा 28 नवंबर, 2019 को दी गई मंजूरी इस तरह के नोटिस का निपटारा होने तक स्थगित रहेगी।

 

अमेज़न पर जुर्माना क्यों लगाया गया?


CCI ने अमेज़ॅन पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, क्योंकि यह समझौते के तहत फ्यूचर रिटेल लिमिटेड शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट (FRL SHA) की पहचान करने और उसे सूचित करने में विफल रहा था। अधिनियम की धारा 6(2) के तहत पहचान एक दायित्व है। Amazon को दो महीने के भीतर जुर्माना भरना होगा।

 

अमेज़न-फ्यूचर समूह विवाद


  • फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FR) ने अगस्त 2020 में अपने खुदरा और थोक कारोबार को रिलायंस रिटेल को बेचने की घोषणा की थी। इस सौदे को अंजाम देने से पहले अमेज़न ने इस पर आपत्ति जताई थी।
  • अमेज़न ने आरोप लगाया कि यह फ्यूचर कूपन के साथ हस्ताक्षरित अनुबंध का उल्लंघन है। अमेज़न के अनुसार, फ्यूचर कूपन के साथ उसके समझौते ने उसे कॉलविकल्प दिया था।
  • कॉल ऑप्शन ने इसे समझौते के 3 से 10 वर्षों के भीतर कंपनी में फ्यूचर रिटेल के सभी या कुछ हिस्से को हासिल करने के विकल्प का प्रयोग करने में सक्षम बनाया।
  • अमेज़न फ्यूचर रिटेल को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) के समक्ष आपातकालीन मध्यस्थता में ले गया, जहां एक आपातकालीन मध्यस्थ ने फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल के साथ अपने सौदे के साथ आगे बढ़ने से रोक दिया।


सुप्रीम कोर्ट का आदेश


सुप्रीम कोर्ट ने SIAC के आदेश को लागू करने को बरकरार रखा था, जो फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बीच सौदे को रोक देता है।


 Categories: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स

WHO ने Covovax के टीके के लिए आपातकालीन मंजूरी दी

 

17 दिसंबर, 2021 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बच्चों के लिए कोवोवैक्स (Covovax) वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी।

 


मुख्य बिंदु


  • WHO ने आपातकालीन उपयोग के लिए Covovax को नौवें COVID-19 वैक्सीन के रूप में सूचीबद्ध किया है। इस कदम का उद्देश्य कम आय वाले देशों में टीकाकरण की पहुंच बढ़ाना है।
  • सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India – SII) नोवावैक्स के लाइसेंस के तहत कोवोवैक्स का उत्पादन करता है।


पृष्ठभूमि


हाल ही में, SII के सीईओ, अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने घोषणा की कि SII ने अगले छह महीनों में बच्चों के लिए Covovax नामक एक COVID-19 वैक्सीन लॉन्च करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि इस टीके का परीक्षण चल रहा है और यह तीन साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को सुरक्षा प्रदान करेगा।

 


WHO की मंजूरी


WHO ने कोवोवैक्स को उसकी आपातकालीन उपयोग सूची प्रक्रिया के तहत गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता पर डेटा की समीक्षा, एक प्रोग्रामेटिक उपयुक्तता, जोखिम प्रबंधन योजना के आधार पर मूल्यांकन के बाद अनुमोदित किया।

 

नोवावैक्स COVID-19 वैक्सीन


Novavax COVID-19 वैक्सीन को Nuvaxovid और Covovax ब्रांड नाम से बेचा जाता है। इस सबयूनिट COVID-19 वैक्सीन को Novavax और Coalition for Epidemic Preparedness Innovations (CEPI) द्वारा विकसित किया गया है। Covovax ब्रांड नाम के तहत भारत में इस वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है।

 

कोवोवैक्स की खुराक


इस वैक्सीन को 21 दिनों के अंतराल पर दो खुराक में दिया जाता है।

 


इसरो (ISRO) निजी भागीदारी के साथ एक SSLV विकसित कर रहा है

 

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) निजी भागीदारी के साथ एक Small Satellite Launch Vehicle (SSLV) विकसित करने की प्रक्रिया में है। इस उपग्रह को 2022 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।

 


मुख्य बिंदु


  • यह SSLV 500 किलोमीटर की कक्षा में 500 किलोग्राम की पेलोड क्षमता प्रदान करेगा।
  • इस SSLV का विकास अपने अंतिम चरण में है।
  • इस SSLV की पहली विकासात्मक उड़ान 2022 की पहली तिमाही के दौरान लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • सरकार ने इस परियोजना को विकसित करने के लिए 169 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।


निजी क्षेत्र का योगदान


निजी उद्योग SSLV विकास परियोजना के लिए हार्डवेयर और संरचनाओं को साकार करने में मदद कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:

 

  • सॉलिड मोटर केस
  • नोजल सब-सिस्टम
  • अंतर-चरण संरचनाएं
  • एक्चुएटर मोटर्स

Small Satellite Launch Vehicle (SSLV)


SSLV एक छोटा-लिफ्ट लॉन्च वाहन है, जिसमें 600 किलोग्राम का पेलोड निम्न पृथ्वी की कक्षा (500 किमी पर) या 300 किलोग्राम पेलोड सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा (500 किमी) तक पहुंचाने की क्षमता है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस यान का डिजाइन 21 दिसंबर, 2018 को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), थुंबा में पूरा किया गया।

 

वाहन का उद्देश्य


SSLV को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) की तुलना में कम कीमत और उच्च प्रक्षेपण दर पर व्यावसायिक रूप से छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है।

 

6G टेक्नोलॉजी क्या है?

 

संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित 6G बुनियादी ढांचे का उपयोग करके संचार प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी को विकसित करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसके 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में लॉन्च होने की संभावना है।

 


मुख्य बिंदु


  • हालांकि 5G अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है।
  • 6G मानव, भौतिक वातावरण और आभासी वातावरण (virtual environment) को एक साथ लाएगा।
  • उदाहरण के लिए, Metaverse 5G उपयोग के मामलों में से एक है। यह पारंपरिक और साथ ही डिजिटल स्पेस में क्रान्ति लाने का दावा करता है। 6G के लॉन्च के साथ, मेटावर्स एक अंतिम मॉडल के रूप में विकसित होगा, लेकिन यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence – AI) और मशीन लर्निंग का उपयोग करके भौतिक दुनिया के साथ भी जुड़ जाएगा।
  • 6G का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसकी पर्यावरण, लोगों और वस्तुओं को समझने की क्षमता होगी।

6G नेटवर्क क्या है?


6G दूरसंचार में छठी पीढ़ी का मानक है। यह वर्तमान में वायरलेस संचार प्रौद्योगिकियों के विकास के अधीन है जो सेलुलर डेटा नेटवर्क का समर्थन करती हैं। यह 5G नेटवर्क का नियोजित उत्तराधिकारी है। यह नेटवर्क संभवत: ब्रॉडबैंड सेलुलर नेटवर्क होगा। इसमें सेवा क्षेत्र को छोटे-छोटे भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है जिन्हें सेल कहते हैं। Nokia, Ericsson, Samsung, Huawei, Xiaomi, LG और Apple जैसी कंपनियों के साथ-साथ चीन, जापान और सिंगापुर जैसे देशों ने 6G नेटवर्क विकसित करने में रुचि दिखाई है।

 

नेटवर्क का महत्व


6G नेटवर्क अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में और भी अधिक विविधता प्रदर्शित करने की संभावना रखता है। यह वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी (VR/AR), सर्वव्यापी तत्काल संचार, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे मौजूदा मोबाइल उपयोग परिदृश्यों से परे  एप्लीकेशन्स का समर्थन करने की उम्मीद है।

 

वर्तमान विकास


  • सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से 2020 में घोषणा की कि, उन्होंने टेराहर्ट्ज़ (THz) तरंगों के लिए एक चिप विकसित की है, जिसका उपयोग 6G तकनीक में किया जा सकता है।
  • चीन ने 6 नवंबर, 2020 को लॉन्ग मार्च 6 वाहन रॉकेट का उपयोग करके कक्षा में 6G टेक्नोलॉजी के लिए उम्मीदवारों के साथ एक प्रयोगात्मक परीक्षण उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

 

Categories: राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स

भूमि अधिग्रहण परियोजनाओं में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिए MIS पोर्टल लांच किया गया

16 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने भूमि अधिग्रहण परियोजनाओं में राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिए MIS (Management Information System) पोर्टल लॉन्च किया।

 


मुख्य बिंदु

 

  • इस पोर्टल के लॉन्च के साथ, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को RFCTLARR अधिनियम, 2013 (Right to Fair Compensation and Transparency in Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Act, 2013) के तहत भूमि अधिग्रहण परियोजनाओं में रैंक किया जाएगा।
  •  रैंकिंग और प्रदर्शन के आधार पर शीर्ष 3 राज्यों और शीर्ष 3 जिलों को सम्मानित किया जाएगा।

 

पोर्टल का महत्व

 

MIS पोर्टल को विकास पोर्टलकरार दिया जा रहा है। यह पोर्टल न केवल डेटा और आंकड़े दिखाएगा बल्कि भारत में विकास की गति भी दिखाएगा। यह गति शक्ति मिशन (Gati Shakti Mission) को गति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि का परिणाम है।

 

क्रियान्वयन में देरी पर चिंता

 

भारत में परियोजनाओं के कार्यान्वयन में देरी से परियोजना की लागत बढ़ जाती है और साथ ही विकास की गति भी बाधित हो जाती है। यह पोर्टल इस चिंता को कम करने में मदद करेगा। सभी राज्यों की रैंकिंग उपलब्ध होने के कारण विकास परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करना आसान हो जाएगा। इससे परियोजनाओं की गति में तेजी आएगी।

 

किस विभाग ने MIS पोर्टल विकसित किया है?

 

MIS पोर्टल भूमि संसाधन विभाग द्वारा विकसित किया गया था। यह विकास परियोजनाओं पर भूमि अधिग्रहण पर संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा सूचना प्रस्तुत करने के लिए एक सॉफ्टवेयर संचालित कार्यक्रम है। इसपोर्टल का लिंक larr.dolr.gov.in है।



आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक सूचकांक (Foundational Literacy and Numeracy Index) : मुख्य बिंदु

आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सूचकांक (Foundational Literacy and Numeracy Index) पर पश्चिम बंगाल बड़े राज्यों की श्रेणी में चार्ट में सबसे ऊपर है।


सूचकांक में राज्यों की चार श्रेणियां


इस सूचकांक ने राज्यों को चार श्रेणियों में विभाजित किया है: बड़े राज्य, छोटे राज्य, उत्तर पूर्व और केंद्र शासित प्रदेश।



सूचकांक रिपोर्ट किस संगठन ने तैयार की?


‘Index on Foundational Literacy & Numeracy’ द्वारा ‘Foundational Literacy and Numeracy Index‘ पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसे प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council to the Prime Minister – EAC-PM) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय द्वारा जारी किया गया था।


रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष


  • आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक सूचकांक 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों में साक्षरता का सूचक है।
  • ‘बड़े राज्यों’ की श्रेणी में बिहार सबसे नीचे रहा।
  • ‘छोटे राज्यों’ की श्रेणी में केरल ने शीर्ष स्थान हासिल किया।
  • झारखंड सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश बनकर उभरा है।
  • केंद्र शासित प्रदेश में, लक्षद्वीप 52.69 के स्कोर के साथ सूचकांक में सबसे ऊपर है।
  • पूर्वोत्तर श्रेणी में 51.64 अंक के साथ मिजोरम शीर्ष पर है।
  • 50 प्रतिशत से अधिक राज्यों ने राष्ट्रीय औसत 28.05 से नीचे स्कोर किया।

सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले


  • केंद्र शासित प्रदेश की श्रेणी में, लद्दाख सबसे नीचे सूचीबद्ध था।
  • उत्तर पूर्व श्रेणी में, अरुणाचल प्रदेश अंतिम स्थान पर आया।



आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता पर सूचकांक (Foundational Literacy and Numeracy Index)


आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता पर सूचकांक’ भारत में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बीच मूलभूत शिक्षा की समग्र स्थिति की समझ स्थापित करता है। इसमें पांच स्तंभ हैं, जिसमें 41 संकेतक शामिल हैं। पांच स्तंभों में शामिल हैं:


  • शैक्षिक अवसंरचना
  • शिक्षा तक पहुंच
  • बुनियादी स्वास्थ्य
  • सीखने के परिणाम
  • शासन

पांच स्तंभों में से, राज्यों ने विशेष रूप से शासन (governance) स्तंभ में खराब प्रदर्शन किया है।



पीएम मोदी करेंगे ‘All India Mayors’ Conference’ का उद्घाटन

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी में All India Mayors’ Conference का उद्घाटन करेंगे।

 


मुख्य बिंदु


  • उत्तर प्रदेश के शहरी विकास विभाग द्वारा All India Mayors’ Conference का आयोजन किया जा रहा है।
  • इस सम्मेलन में 100 से अधिक शहरों के महापौरों (mayors) की भागीदारी देखी जाएगी।
  • तीन दिवसीय प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद महापौर सम्मेलन शुरू होगा।


सम्मेलन का स्थान


इस सम्मलेन का आयोजन उत्तर प्रदेश के बड़ा लालपुर में दीन दयाल उपाध्याय-बिज़नस फैसिलिटेशन सेंटर (DDUTFC) में किया  जायेगा।

 

प्रदर्शनी का उद्घाटन


  • इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे।
  • TFC परिसर में “Changing Urban Environment” थीम के तहत प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
  • इसका आयोजन 17 दिसंबर से 19 दिसंबर 2021 तक किया जाएगा।
  • इस प्रदर्शनी में शहरी विकास में भारत सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
  • इस प्रदर्शनी में भारत के अन्य जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में की गई विशेष और उल्लेखनीय उपलब्धियों से संबंधित कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा।

 

18 दिसम्बर : भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (Minorities Rights Day in India)

 

18 दिसम्बर, 2018 को भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है। भारत में प्रतिवर्ष अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों के बारे जागरूकता फैलाने के लिए अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 18 दिसम्बर को मनाया जाता है। इस दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर सेमिनार, सम्मेलन तथा इवेंट्स का आयोजन किया जाता है।

 


भारत में अल्पसंख्यक


  • भारत में प्रमुख अल्पसंख्यक वर्ग में मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध , पारसी तथा जैन हैं।
  • भारत में अल्पसंख्यकों की संख्या कुल जनसँख्या का 19%  हिस्सा हैं।
  • जम्मू-कश्मीर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड तथा लक्षद्वीप कुछ एक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहाँ पर अधिसूचित अल्पसंख्यक वर्ग बहुल (majority) हैं।
  • राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की गयी थी।
  • अल्पसंखयकों के साथ धर्म, भाषा, राष्ट्रीय तथा नस्ल के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 18 दिसम्बर, 1992 को राष्ट्र, नस्ल, धर्म तथा भाषा के आधार पर लोगों के अधिकारों की घोषणाको जारी किया था।

अल्पसंख्यकों के लिए योजनाएं


अल्पसंख्यक मंत्रालय वर्तमान में भारत में अल्पसंख्यकों के लिए निम्नलिखित योजनाओं को लागू कर रहा है :

 

  • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, मेरिट-कम-मीन्स आधारित योजना: छात्रों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए।
  • मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फैलोशिप योजना।
  • नया सवेरा : यह योजना अल्पसंख्यक आबादी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त कोचिंग कक्षाएं प्रदान करती है।
  • पढ़ो परदेस : तह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को ब्याज पर सब्सिडी प्रदान करती है।
  • नई रोशनी: अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित महिलाओं में नेतृत्व के गुणों का विकास।
  • नयी उड़ान : यूपीएससी, एसएससी और एसपीएससी प्रीलिम्स क्लियर करने वाले छात्रों के लिए सहायता।
  • सीखो और कमाओ : युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम।

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम


  1. जियो पारसी: भारत में घटती पारसी आबादी को समाहित करने के लिए।
  2. उस्ताद
  3. नई मंजिल

 


Categories: अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स

भारत-वियतनाम ने IT क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए


17 दिसंबर, 2021 को भारत और वियतनाम ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

 


मुख्य बिंदु


  • दोनों देशों के मंत्रियों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने देशों द्वारा की गई कई पहलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
  • मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच ICT व्यापार और सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की।
  • मंत्रियों ने यह भी नोट किया कि हालांकि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच सक्रिय भागीदारी रही है। तथापि, आगे सहयोग तलाशने की अपार संभावनाएं हैं।


IT में सहयोग पर समझौता ज्ञापन


मंत्रियों ने सूचना प्रौद्योगिकी में सहयोग पर भारत-वियतनाम समझौता ज्ञापन का विस्तार करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन ICT क्षेत्र में दोनों पक्षों के क्षमता निर्माण और अन्य सार्वजनिक और निजी संगठनों को बढ़ाने में शामिल सरकारों, निजी संस्थाओं और संस्थानों के बीच सक्रिय सहयोग और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना चाहता है।

 

भारत-वियतनाम संबंध (India–Vietnam Relations)


भारत और वियतनाम के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध दूसरी शताब्दी के हैं। इंडिक चाम पा साम्राज्य (Indic Cham Pa Kingdom) ने वियतनामी संगीत को प्रभावित किया था। दोनों देशों के बीच वर्तमान संबंधों को साझा राजनीतिक हितों के कई क्षेत्रों द्वारा शासित किया गया है। 1992 में, दोनों देशों ने कृषि, तेल की खोज और विनिर्माण सहित व्यापक आर्थिक संबंध स्थापित किए। उनके संबंधों, विशेष रूप से रक्षा संबंधों को भारत की पूर्व की ओर देखो नीति’ (Look East Policy) से व्यापक रूप से लाभ हुआ। द्विपक्षीय सैन्य सहयोग में सैन्य उपकरणों की बिक्री, संयुक्त नौसैनिक अभ्यास, खुफिया जानकारी साझा करना और आतंकवाद विरोधी युद्ध में प्रशिक्षण शामिल है।

 

सामरिक भागीदारी


भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय संबंधों को जुलाई 2007 में रणनीतिक साझेदारीमें अपग्रेड किया गया था, जब वियतनामी प्रधानमंत्री गुयेन तान डुंग ने भारत का दौरा किया था। सितंबर 2016 में इसे व्यापक रणनीतिक साझेदारीमें अपग्रेड किया गया था, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियतनाम का दौरा किया था।

 

मोस्ट फेवर्ड नेशन स्टेटस


भारत ने 1975 में वियतनाम को मोस्ट फेवर्ड नेशनका दर्जा दिया था।

 


हैती (Haiti) का स्वतंत्रता सूप यूनेस्को सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया


16 दिसंबर, 2021 को, संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी, यूनेस्को (UNESCO) ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची (intangible cultural heritage list) में जौमौ सूप’ (Joumou Soup) नामक एक पारंपरिक हैतियन सूप को शामिल किया।

 


मुख्य बिंदु


  • इस हैतियन सूप को व्यापक रूप से हैती की स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है।
  • जौमौ सूप एक डिश से कहीं ज्यादा है। यह हैतियन स्वतंत्रता के नायकों और नायिकाओं की कहानी के साथ-साथ मानवाधिकारों और कड़ी मेहनत से प्राप्त स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष की कहानी बताता है।
  • यह एक स्क्वैश-आधारित सूप है और 1 जनवरी, 1804 को हैती के स्वतंत्र होने तक यह फ्रांसीसी वर्चस्व के तहत दासों के लिए लंबे समय से मना की गई चीजों (forbidden) का प्रतीक बन गया।
  • हैती के लोगों ने सूप खाकर अपनी आजादी का जश्न मनाया था।
  • वे पारंपरिक रूप से गुलामी से मुक्ति की वर्षगांठ मनाने के लिए नए साल के दिन यह सूप परोसते हैं।

अमूर्त विरासत सूची का उद्देश्य


दुनिया भर में समुदायों की परंपराओं और जानकारी की दृश्यता में सुधार के उद्देश्य से अमूर्त विरासत सूची (intangible heritage list) तैयार की जाती है। इस सूची में अरबी सुलेख से लेकर इतालवी ट्रफल शिकार तक की परंपराएं शामिल हैं।

 

जौमौ सूप


यह हैतियन व्यंजनों का हल्का मसालेदार सूप है। यह पारंपरिक रूप से कद्दू स्क्वैश के साथ पकाया जाता है।

 

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage)


यह एक अभ्यास, अभिव्यक्ति, प्रतिनिधित्व, ज्ञान या कौशल है, जिसे यूनेस्को सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा मानता है। अमूर्त विरासत में गैर-भौतिक बौद्धिक संपदा जैसे रीति-रिवाज, विश्वास, लोककथाएं, ज्ञान, परंपराएं और भाषा शामिल हैं।



18 दिसम्बर : अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस (International Migrants Day)

 

प्रतिवर्ष 18 दिसम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 दिसम्बर 2000 को प्रस्ताव 55/93 को पारित करके की थी। इसका उद्देश्य प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

 


मुख्य बिंदु       

             

यह ऐसा पहला समझौता है जिसमे अंतर्राष्ट्रीय प्रवास से सम्बंधित सभी पहलुओं पर सभी देशों ने चर्चा करके हामी भरी है। हालांकि अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। इसमें प्रवास सम्बन्धी समस्याओं से निपटने के लिए 23 उद्देश्य निश्चित किये गए हैं।

 

पृष्ठभूमि


वर्तमान में विश्व भर में लगभग 25 करोड़ से अधिक प्रवासी हैं, वे विश्व की कुल जनसँख्या का 3% हिस्सा हैं। परन्तु वैश्विक सकल घरेलु उत्पाद में उनका योगदान 10% है। इससे उनके मूल देश के विकास में भी काफी वृद्धि होती है। इस समझौते की शुरुआत 2017 में ही शुरू हो गयी थी जब संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने ‘New York Declaration for Refugees and Migrants’ पर सहमती प्रकट की थी।

 

भारत में प्रवास


  • COVID-19 संकट के साथ, भारत में प्रवासन बढ़ गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, प्रवासियों की संख्या 45.6 करोड़ थी। यह देश की आबादी का लगभग 38% है। 2001 में, प्रवासी आबादी 31.5 करोड़ थी। 2001 और 2011 के बीच प्रवासी आबादी में 18% की वृद्धि हुई है। 
  • भारत में, अंतर-राज्य प्रवास के प्रमुख कारण विवाह है। पुरुषों की तुलना में महिला प्रवास अधिक है। 39% पुरुषों की तुलना में 83% महिलाएं विवाह के कारण इससे ज्यादा प्रभावित हैं।


Categories: व्यक्तिविशेष करेंट अफेयर्स

वीरा रानी अब्बक्का (Veera Rani Abbakka) कौन थीं?

 

उल्लाल वीरा रानी अब्बक्का उत्सव समिति ने हाल ही में दिसंबर 2021 में वीरा रानी अब्बक्का महोत्सव के दौरान वीरा रानी अब्बक्का पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया।

 


मुख्य बिंदु


  • यह पुरस्कार 21 दिसंबर, 2021 को एक उपलब्धि हासिल करने वाली महिला को प्रदान किया जाएगा।
  • इस पुरस्कार में नकद और अवार्ड पैनल शामिल हैं।
  • 21 दिसंबर को वीरा रानी अब्बक्का उत्सव की रजत जयंती भी है।
  • उल्लाल नगर पालिका परिसर में 21 दिसंबर को उत्सव मनाया जाएगा।

किसे सम्मानित किया जाएगा?


वीरा रानी अब्बक्का पुरस्कार उस महिला को दिया जाएगा जिसने अनुसंधान और संस्कृति में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। यह पुरस्कार तुलु पृष्ठभूमि वाली महिला को दिया जाएगा, जिसने खेल, कला, समाज सेवा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में पर्याप्त उपलब्धि हासिल की है।

 

रानी अब्बक्का चौटा (Rani Abbakka Chowta)


रानी अब्बाका चौटा उल्लाल की पहली तुलुवा रानी थीं। उन्होंने 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पुर्तगालियों से लड़ाई लड़ी। रानी चौटा वंश से संबंधित थीं, जिन्होंने तटीय कर्नाटक (तुलु नाडु) के कुछ हिस्सों पर शासन किया था। राजवंश की राजधानी पुट्टीगे थी। उल्लाल का बंदरगाह शहर उनकी सहायक राजधानी थी। उल्लाल को रणनीतिक रूप से रखा गया था, जिसके कारण पुर्तगालियों ने इसे पकड़ने के कई प्रयास किए। लेकिन रानी ने चार दशकों से अधिक समय तक उनके हमलों का मुकाबला किया। उनकी बहादुरी के कारण उन्हें अभय रानी के नाम से जाना जाने लगा।


 Categories: विधि एवं विधेयक करेंट अफेयर्स

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं की शादी की उम्र 21 करने को मंजूरी दी

 

15 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

 


पृष्ठभूमि


अगस्त 2020 में स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसकी घोषणा के एक साल बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

 

शादी के लिए वर्तमान उम्र


वर्तमान में, पुरुषों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है जबकि महिलाओं के लिए यह 18 वर्ष है।

 

टास्क फोर्स


जया जेटली की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन जून 2020 में किया गया था। इसका गठन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लड़कियों के लिए शादी की सही उम्र की फिर से जांच करने के लिए किया गया था। इसने दिसंबर 2020 में रिपोर्ट दी। इसने सिफारिश की थी कि, पहले बच्चे को जन्म देने के समय महिलाओं की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। इस टास्क फोर्स ने लड़कियों के लिए शादी की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने की सिफारिश की। प्रस्ताव ने विवाह की उम्र को स्वास्थ्य और सामाजिक सूचकांकों जैसे मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और माताओं और बच्चों में पोषण के स्तर से भी जोड़ा।

 

अब किन अधिनियमों में संशोधन किया जाएगा?


इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से सरकार नए प्रस्ताव को आकार देने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन लाएगी।

 

महत्व


विवाह में देरी से महिलाओं, बच्चों, परिवारों और समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह महिलाओं को कुपोषण से भी बचाएगा।

 

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बाल श्रम पर तेलंगाना के नए नियम : मुख्य बिंदु

 

तेलंगाना सरकार ने केंद्र द्वारा तैयार किए गए नियमों के अनुरूप बाल श्रम (child labour) को रोकने के लिए एक संशोधित दिशानिर्देश जारी किया है।

 


मुख्य बिंदु


  • राज्य सरकार 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखने या जबरदस्ती करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
  • संशोधित मानदंडों के अनुसार, यदि कोई 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को रोजगार देने का प्रयास करता है, तो उसे छह महीने से एक वर्ष तक की जेल की सजा हो सकती है।
  • उस व्यक्ति पर 20 हजार से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।


टास्क फोर्स कमेटी


श्रम विभाग बाल श्रम की समस्या पर प्रभावी ढंग से निगरानी रखने और उस पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स समिति का भी गठन करेगा।

 

क्या बच्चे फिल्मों या धारावाहिकों में काम कर सकते हैं?


  • संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, फिल्म निर्देशक को फिल्मों या धारावाहिकों में बच्चों को शामिल करने के लिए संबंधित कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी।
  • बच्चों को केवल पांच घंटे काम करने की अनुमति होगी, जिसमें तीन घंटे के बाद एक ब्रेक होगा।
  • इसके अलावा, बच्चे को केवल 27 दिनों तक शूटिंग में भाग लेने की अनुमति होगी।
  • यदि शूटिंग में पांच से अधिक बच्चे भाग ले रहे हैं, तो पर्यवेक्षण के लिए एक व्यक्ति को नियुक्त करना होगा।
  • बच्चे के पारिश्रमिक का 25% बैंक में जमा करना होगा। यह राशि बच्चे के बालिग होने के बाद उसे दी जाएगी।

माता-पिता के लिए प्रावधान


  • अगर माता-पिता बच्चों को काम करने के लिए मजबूर करते हैं, तो उन्हें भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। माता-पिता अपने बच्चों से सहायता ले सकते हैं, लेकिन इससे उनकी शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
  • गाइडलाइंस में आगे कहा गया है कि खतरनाक कामों, रिटेल चेन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बच्चों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।


स्कूल प्राचार्य के लिए दिशानिर्देश


यदि कोई बच्चा बिना अनुमति के 30 दिनों तक स्कूल नहीं जाता है, तो स्कूल के प्रिंसिपल को इस बात को संबंधित नोडल अधिकारी के ध्यान में लाना होगा।

 

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